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ई-गवर्नेंस

ई-गवर्नेंस

  • 	 ई-गवर्नेंस

जनजाति विभाग में ई-गवर्नेन्स की कार्य प्रणाली के आधार पर कार्य किया जा रहा है। इसके अन्तर्गत दैनिक कार्यकलापों में अधिकांशतः कम्प्यूटर का उपयोग किया जाता है। जनजाति विकास विभाग में मुख्यालय स्तर पर 12 कम्प्यूटर हैं। जनपद स्तर पर जिला समाज कल्याण अधिकारी एवं जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालयों में कार्यरत अधीक्षक/अधीक्षिका, जिनके द्वारा जनजाति की योजनाओं सम्बन्धी कार्य किया जा रहा है, कार्यालय में बजट आवंटन के अन्तर्गत वित्तीय/भौतिक लक्ष्य की प्रगति का अंकन कम्प्यूटर में किया जा रहा है जिसका अनुश्रवण भी हो रहा है। निदेशालय जनजाति विकास, मुख्यालय एवं जनपद स्तर के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को कम्प्यूटर के कुशलता पूर्वक संचालन हेतु कम्प्यूटर प्रशिक्षण भी प्रदान किया जा रहा है। वर्तमान में विभाग की अधिकांश योजनाएं आनलाइन हैं। विभाग का यह लक्ष्य है कि योजनाओं के सफल संचालन एवं अनुश्रवण की समीक्षा हेतु सूचना विज्ञान की प्रचलित आधुनिकतम् तकनीकों का अधिकतम् उपयोग कर विभाग में शत-प्रतिशत ई-गवर्नेन्स स्थापित किया जा सके।

साथ ही विभाग द्वारा संचालित योजनाओं में पारदर्शिता बनाये रखने हेतु छात्रवृत्ति वितरण हेतु परिवर्तित विकेन्द्रीकृत की प्रक्रिया लागू की गई है। कक्षा 09 व 10 तथा दशमोत्तर कक्षाओं में अध्ययनरत छात्रों के छात्रवृत्ति उनके बैंक खाते में कम्प्यूटरीकृत व्यवस्था के अन्तर्गत पी0एफ0एम0एस0 के माध्यम से सीधे स्थानान्तरित की जा रही है। शिक्षण सत्र 2012-13 से अनुसूचित जनजाति के पात्र छात्रों को छात्रवृत्ति (अनुरक्षण भत्ता व शुल्क प्रतिपूर्ति) की सम्पूर्ण धनराशि भारत सरकार के दिशा निर्देशों के आधार पर राज्य सरकार द्वारा छात्रों के बैंक खाते में सीधे स्थानान्तरित करने की व्यवस्था की गयी है। विस्तृत दिशा-निर्देश हेतु उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना नियमावली, 2012 प्रख्याति की जा चुकी है, जिसका छठा संशोधन वर्ष 2017-18 में जारी किया गया है। नियमावली के अनुसार मास्टर डाटाबेस में संस्थाओं एवं पाठ्यक्रमों के पंजीकरण, संबंधित छात्र/छात्रा द्वारा छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति प्राप्त करने हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत करने, शिक्षण संस्थाओं के प्रमुख द्वारा अपनी संस्तुति शिक्षा विभाग के सम्बन्धित जनपदीय/क्षेत्रीय अधिकारी को प्रेषित किये जाने, शिक्षा विभाग के संबंधित अधिकारियों द्वारा संस्था व पाठ्यक्रम की प्रमाणिकता ’’छात्रवृत्ति स्वीकृति समिति’’ को प्रेषित किए जाने, ’’छात्रवृत्ति स्वीकृति समिति’’ के स्वीकृति आदेश सहित जिला सूचना विज्ञान अधिकारी को सूचित किये जाने, छात्रवृत्ति/शुल्क प्रतिपूर्ति की धनराशि संबंधित छात्र/छात्राओं के बैंक खाते में अंतरित किये जाने तथा छात्रवृत्ति/शुल्क प्रतिपूर्ति के प्रथम चरण का साफ्टवेयर/वेबसाइट को एन0आइ0सी0, लखनऊ द्वारा लाक किए जाने के सम्बन्ध में समय सीमा निर्धारित करते हुए निर्देश निर्गत किए गये हैं ताकि छात्रवृत्ति/शुल्क प्रतिपूर्ति में पारदर्शिता रहे। वर्ष 2014-15 से कक्षा 09 व 10 एवं दशमोत्तर कक्षाओं की छात्रवृत्ति/शुल्क प्रतिपूर्ति तथा शादी अनुदान की धनराशि पब्लिक फाइनेन्शियल मैनेजमेंट सिस्टम (पी0एफ0एम0एस0) साफ्टवेयर के माध्यम से ई-ट्रान्सफर के तहत छात्रों/लाभार्थियों के खाते में सीधे अन्तरित की जा रही है।